ये हमारी चाहत है की जिसने आपको हीरा बना दिया ,
वरना कोयले में दबे हीरे तक की कोई पहचान नही होती ,
किसी ना किसी पर कीजिये रहम ओ करम ,
वरना हर वक़्त किस्मत मेहरबान नही होती .
हुस्न है तो इश्क में चलना सीखिए ,
किसी के इश्क में आप भी मचलना सीखिए ,
वरना ढल जाएगी जब रंगत ऐ नूर आपके हुश्न का ,
तो आप औरों से कहेंगे की सही वक़्त पे संभलना सीखिए .............
वरना कोयले में दबे हीरे तक की कोई पहचान नही होती ,
किसी ना किसी पर कीजिये रहम ओ करम ,
वरना हर वक़्त किस्मत मेहरबान नही होती .
हुस्न है तो इश्क में चलना सीखिए ,
किसी के इश्क में आप भी मचलना सीखिए ,
वरना ढल जाएगी जब रंगत ऐ नूर आपके हुश्न का ,
तो आप औरों से कहेंगे की सही वक़्त पे संभलना सीखिए .............
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