Friday 11 November 2011

वो माँ होती है

वो माँ होती है
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तुम दूर रहो या पास,
उसको हर पल होता एहसास,
जिसके हृदय में हर पल बस दुआ होती है,
वो माँ होती है ,
वो मार  भी देती है,
जब थोड़ी गुसा होती है ,
फिर हमसे  दूर जाकर के जो बहुत रोती है ,
वो माँ होती है  ,
आती है मुझको याद ,  बचपन की सारी  बातें,
माँ के गोद में बैठ के करना , प्यारी   बातें , 
बार बार एक बात पे नही कभी  गुसा होती है ,
वो माँ होती है ,
जब हम अपने पैरों पे खड़े  होते हैं,
दुनिया की नजरों में हम थोड़े बड़े होते हैं,
खुशियाँ देख हमारी जो बहुत खुश  हो जाती  है ,
वो माँ होती है ,
अरमानो के सपने  गढ़ना जिसने सिखलाया ,
आसमान में उड़ते हैं कैसे, उसने सिखलाया ,
वो इतना कुछ इसलिए हमको सिखलाती है
क्यूंकि वो माँ होती है ,
पर हमने कहाँ कभी उसकी बात को समझा ?
खुदगर्जी में हमने नही  उसके जज्बात को समझा ,
जब हुए बड़े तो पैसों के झंकार में डूबे,
और माँ बाबूजी के  हमने नही हालात को समझा ,
घर से दूर हुए तो वो माँ रोई,
कई कई दिन तक उसकी आँखे   ना  सोयी ,
कई कई दिन तक उसने  कुछ भी तो  न  खाया,
रख ह्रदय पे पत्थर उसने खुद को समझाया ,
उसके भी तो कुछ होते हैं अरमान ,
जिस्म जला के भी कराती है जो  स्तनपान ,
नही मांगती है वो हमसे ये धरती, आसमान
बस चाहती है वो जननी सा  सम्मान ,
एक दिन आता है, वो कहीं खो जाती है ,
आंखे करती है बंद , और फिर सो जाती है ,
दुनिया की झंकार फिर कहीं खो जाती है ,
सारी दुनिया जाने क्यूँ सुनी हो जाती है ,
ह्रदय  में  आंसू तब आ जाते हैं,
 माँ के हाथ तब भी हमको   सहलाते हैं ,
हम नौजवान और  हम बूढ़े हो जाते हैं ,
माँ के खातिर तब भी बच्चे कहलाते हैं ,
आओ हम माँ को माँ का हक़ दे दें ,
उसकी गोद में सर रखे उसकी दुआएं  लें ,
माँ दूर रहे या पास ,
माँ दुनिया में सबसे खास ,
जिसका  पावन  एहसास जीवन को महका देती है ,
वो और नही कोई बस वो माँ होती है ,

1 comment:

  1. जीवन में किसी सौभाग्य से कम नहीं,
    माँ का होना.....
    जिसका ममता भरा हृदय,
    जान लेता है वो सब कुछ ...
    जो रह जाता है अक्सर अनकहा..

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