वो माँ होती है
तुम दूर रहो या पास,
उसको हर पल होता एहसास,
जिसके हृदय में हर पल बस दुआ होती है,
वो माँ होती है ,
वो मार भी देती है,
जब थोड़ी गुसा होती है ,
फिर हमसे दूर जाकर के जो बहुत रोती है ,
वो माँ होती है ,
आती है मुझको याद , बचपन की सारी बातें,
माँ के गोद में बैठ के करना , प्यारी बातें ,
बार बार एक बात पे नही कभी गुसा होती है ,
वो माँ होती है ,
जब हम अपने पैरों पे खड़े होते हैं,
दुनिया की नजरों में हम थोड़े बड़े होते हैं,
खुशियाँ देख हमारी जो बहुत खुश हो जाती है ,
वो माँ होती है ,
अरमानो के सपने गढ़ना जिसने सिखलाया ,
आसमान में उड़ते हैं कैसे, उसने सिखलाया ,
वो इतना कुछ इसलिए हमको सिखलाती है
क्यूंकि वो माँ होती है ,
पर हमने कहाँ कभी उसकी बात को समझा ?
खुदगर्जी में हमने नही उसके जज्बात को समझा ,
जब हुए बड़े तो पैसों के झंकार में डूबे,
और माँ बाबूजी के हमने नही हालात को समझा ,
घर से दूर हुए तो वो माँ रोई,
कई कई दिन तक उसकी आँखे ना सोयी ,
कई कई दिन तक उसने कुछ भी तो न खाया,
रख ह्रदय पे पत्थर उसने खुद को समझाया ,
उसके भी तो कुछ होते हैं अरमान ,
जिस्म जला के भी कराती है जो स्तनपान ,
नही मांगती है वो हमसे ये धरती, आसमान
बस चाहती है वो जननी सा सम्मान ,
एक दिन आता है, वो कहीं खो जाती है ,
आंखे करती है बंद , और फिर सो जाती है ,
दुनिया की झंकार फिर कहीं खो जाती है ,
सारी दुनिया जाने क्यूँ सुनी हो जाती है ,
ह्रदय में आंसू तब आ जाते हैं,
माँ के हाथ तब भी हमको सहलाते हैं ,
हम नौजवान और हम बूढ़े हो जाते हैं ,
माँ के खातिर तब भी बच्चे कहलाते हैं ,
आओ हम माँ को माँ का हक़ दे दें ,
उसकी गोद में सर रखे उसकी दुआएं लें ,
माँ दूर रहे या पास ,
माँ दुनिया में सबसे खास ,
जिसका पावन एहसास जीवन को महका देती है ,
वो और नही कोई बस वो माँ होती है ,
जीवन में किसी सौभाग्य से कम नहीं,
ReplyDeleteमाँ का होना.....
जिसका ममता भरा हृदय,
जान लेता है वो सब कुछ ...
जो रह जाता है अक्सर अनकहा..