Wednesday 21 September 2011

क्षितिज के उस पार

तुम  बुलाते हो,
 क्षितिज के उस पार से ,
हमे  वक़्त नही मिलता है,
खेते हुए पतवार से,
 एक कोशिश है,
 जो मुझे उस पार लेके जाएगी ,
शायद यही सोच ,
तुमसे मिलने के ,
इन्तजार में ,
हसीं स्वप्न   की तरह से जिन्दगी गुजर जायेगी ......

No comments:

Post a Comment