राजीव कुमार पाण्डेय "माहिर " की लेखनी आपका स्वागत करती है ....
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Monday 12 September 2011
वक़्त रहते संभल जाओ तो अच्छा है
जमीन बोली एक दिन जमी पे रहने वालों से
की वक़्त रहते संभल जाओ तो अच्छा है .
वरना आसमां किसी को पावं रखने के लिए मयस्सर नही होता ..........
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